'वो मम्मी है ना सब समझती हैं'
- sangyanmcu
- May 20, 2021
- 2 min read
मम्मी मुझे प्यार से लड्डू कहकर बुलाती हैं, मैं लड्डू की तरह ही तो हूं, मैं जब भी टूट कर गिरूं, वो संभाल लेती हैं...

वर्षा शर्मा
mobile#7748820054 @varsh3009
आज मौका है मेरी मम्मी के लिए और उनके बारे में कुछ लिखने का। इसमें सबसे पहली बात जो मेरे जहन में आती है वो ये है कि मेरी मम्मी सब जानती व समझती हैं। हर बार जब मैं अपनी मनकी कर उलझनों में फंस जाती हूं, तो मां ही उन उलझनों की गांठ को सुलझाती हैं। जाने वह ऐसा कैसे कर लेती हैं। आखिर वो मम्मी हंै ना, इसलिए सब समझती है।
मैं जब भी किसी से लड़-झगड़ कर आती हूं तो किसी से न कुछ बोलती। और न ही कुछ खाती हूं तब किसी को पता चले या ना चले, मां मेरा चेहरा पढ़ जाती हैं। और न जाने कब वो मेरी फेवरेट डिश बनाकर बहाने से खिला जाती हैं।
वो मम्मी है ना, सब समझती हैं।
यूं तो मैं समझदार हूं, ऐसा वो कहती हैं लेकिन मुझे अकेले शॉपिंग करने से मना करती हैं।
और इसकी वजह पूछो तो हमें घर में दुकान नहीं लगानी यह कहकर बात खत्म कर देती हैं।
वो मम्मी है ना, सब समझती हैं।
हालांकि, मुझे उनका रखा सामान जगह पर मिलता नहीं, लेकिन वहीं रखा है ठीक से देख - यह कहकर डांटती हैं।
अपना सामान जगह पर रखो कहकर समय की नज़ाकत समझाती हैं।
वो मम्मी हैं, सब समझती हैं।
वैसे, घर में सब मुझे अलग-अलग नाम से पुकारते हैं, लेकिन मम्मी मुझे प्यार से लड्डू कहकर बुलाती हैं।
सही तो कहती हैं, मैं लड्डू की तरह ही तो हूं, मैं जब भी टूट कर गिरूं, वो संभाल लेती हैं। मैंने कहा ना, वो मम्मी है, सब समझती है। •
(लेखिका मध्य प्रदेश के सिहोर से हैं और
इन्होंने बरकत ऊल्लाह विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन किया है।)
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