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मम्मी वो दोस्त हैं जो बिन बोले ही सब कुछ समझ जाती है

  • sangyanmcu
  • May 20, 2021
  • 2 min read

मां भी एक बच्ची और एक अच्छी दोस्त के जैसी होती है। वो बच्ची भी बन जाती हैं।



त्रिवेणी पाठे

mobile#9907441154 @patheTriveni


दिन की शुरूआत और दिन का अंत – मम्मी की डांट से होता है। मम्मी के साथ बीता हर पल यादों का एक गुलदस्ता है। अब तो मानो कि डांट की आदत सी हो गई है– मम्मी से डांट खाए बिना सुबह ही नहीं होती हैं। मम्मी जितना डांट देती है उससे ज्यादा प्यार करती हैं पर अपना प्यार कभी दिखाती नहीं हैं। मुझे कभी खुद से दूर करने का नहीं सोचती मम्मी, मैं उनके लिए एक छोटी बच्ची सी हूं। मैं कभी कितनी भी बड़ी हो जाऊं मगर उनकी नजरों में हमेशा ही बच्ची ही बनी रहूंगी।


घर से कॉलेज के लिए जाने से पहले लन्च बना कर देना और फिर घर से कॉलेज के लिए निकालते ही मम्मी का पीछे आ जाना। बस नहीं आते तक मम्मी का बाहर रहकर देखते रहना उन यादगार पलों में से है जो मैं कभी नहीं भूल सकती और फिर कॉलेज से लौटते वक्त मेरा थोड़ा सा भी लेट होते ही उनका परेशान होना घर में आते ही कभी मम्मी को नहीं देखना मुझे भी परेशान सा कर देता था।


मम्मी वो दोस्त हैं जो बिन बोले ही सब कुछ समझ जाती हैं। मुझे मम्मी को परेशान करना बहुत अच्छा लगता है, मम्मी को मेरी हर चीज में गलती निकालना और मेरे रोते ही उनका हंसना मन को खुशी देता हैं फिर उनका बोलना कि बेटा तू रो ले अब। उनके सामने और ज्यादा रोना फिर मम्मी का गुस्सा दिखना, सब कुछ एक सपने के जैसा होता हैं जो गुज़रता जा रहा हैं। मम्मी को मेरी हर वक्त इतनी फिक्र लगी रहना, मेरा भोपाल में एडमिशन करवाना, मेरे लिए इतना परेशान होती हैं मम्मी। मेरे कारण मेरे भाई का भी एडमिशन करवा दिया। मम्मी को अब इस बात की बहुत खुशी है कि मुझे बाहर नहीं जाना पड़ रहा है। और उन्हें अब ऐसा लगने लगा है कि मुझे बाहर जाना ही नहीं पड़ेगा।


मां भी एक बच्ची और एक अच्छी दोस्त के जैसी होती है। मम्मी खुद भी कभी-कभी बच्ची बन जाती हैं। मुझसे भी ज्यादा खुद जिद पर आ जाती है। बच्चों के साथ कभी बच्ची बन जाती हैं। मम्मी कभी-कभी एक दोस्त बन जाती हैं। सही-गलत, सब कुछ सिखाती हैं, मां पूरी दुनिया हैं जिन्हें हम शब्दों में नहीं कहे सकते हैं। जैसे दुनिया बहुत बड़ी है। मां दुनिया से भी बड़ी हैं। मम्मी के साथ हर एक दिन हर एक पल जीवन में हिम्मत देता है। मां से ही ममता है उनसे ही हिम्मत। •


(लेखिका मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से हैं जिन्होंने अपना ग्रेजुएशन

इंदिरा प्रियदर्शिनी (आई.पी.एस.) कॉलेज छिंदवाड़ा से किया है।)

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